Independence day 2024 PM Modi ने लालकिले से दिया ऐतिहासिक संबोधन के ऐतिहासिक भाषण के मुख्य बिंदुओं को जानें, जिसमें 2047 तक विकसित भारत का सपना, महत्वपूर्ण सुधार, और देश के आगे बढ़ने का मार्ग शामिल हैं।

15 अगस्त 2024 को 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, उन्होंने 2047 तक एक विकसित भारत का सपना प्रस्तुत किया। अपने विचारशील भाषण में, प्रधानमंत्री ने पिछले एक दशक के दौरान किए गए सुधारों की चर्चा की, जिनके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं। भारत की वैश्विक छवि में सुधार आया है और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई योजनाएं और विचार साझा किए गए।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पीएम का स्पष्ट दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर अपनी सोच को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “हमने 75 साल सांप्रदायिक सिविल कोड में गुजार दिए। अब समय आ गया है कि हम सेक्युलर सिविल कोड की ओर बढ़ें। हमारे संविधान निर्माता भी इसी सपने को देखते थे। ऐसे कानून जो धर्म के आधार पर समाज को बांटते हैं, उन्हें खत्म करने की जरूरत है।”
बांग्लादेश के हालात पर चिंता व्यक्त
प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में बिगड़ते हालात पर चिंता जताते हुए कहा, “हम पड़ोसी देश के तौर पर वहां की स्थिति से चिंतित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। हम बांग्लादेश की विकास यात्रा के शुभचिंतक बने रहेंगे।”
देशवासियों को अराजकता से सावधान रहने की चेतावनी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में अराजकता फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “कुछ लोग ऐसे हैं जो देश की प्रगति देख नहीं सकते और निराशा की गर्त में डूबे हुए हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा, जो देश को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखते हैं।”
डिजाइनिंग इंडिया और नए भारत का मंत्र

प्रधानमंत्री ने भारत को वैश्विक मानकों पर खड़ा करने के लिए ‘डिजाइनिंग इंडिया’ का मंत्र दिया। उन्होंने कहा, “भारत को अब इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के इंडियन स्टैंडर्ड बनाना होगा। गेमिंग की दुनिया में नए टैलेंट को बढ़ावा देना चाहिए। भारत के बच्चे और आईटी प्रोफेशनल्स इस क्षेत्र में अपना नाम करें, यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए।”
रिन्यूबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन पर जोर
प्रधानमंत्री ने रिन्यूबल एनर्जी के विस्तार पर बल देते हुए कहा, “हम आने वाले कुछ वर्षों में नेट जीरो भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं। भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की दिशा में तेजी से काम किया है और इस क्षेत्र में ग्रीन जॉब्स की संभावनाएं हैं।”
खेलों में भारत का गौरव
पीएम मोदी ने ओलंपिक और पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “आज हमारे खिलाड़ी तिरंगे की शान को ऊंचा कर रहे हैं। उन्हें देशवासियों की ओर से बधाई देता हूं और पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले दल को शुभकामनाएं देता हूं।”
तकनीक और उद्योग में भारत का उभरता वर्चस्व

प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर और एआई जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति पर जोर देते हुए कहा, “आज हम सेमीकंडक्टर के उत्पादन में भी आत्मनिर्भर हो रहे हैं। 5जी के बाद हम 6जी पर भी मिशन मोड में काम कर रहे हैं और डिफेंस सेक्टर में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।”
राष्ट्रीय पोषण मिशन और कृषि में सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा, “2047 तक विकसित भारत के लिए हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। इसके लिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है और कृषि क्षेत्र में सुधार पर जोर दिया है। प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे हमारे किसान ऑर्गेनिक फूड का उत्पादन कर सकें।”
महिलाओं की सुरक्षा और विकास पर जोर
पीएम मोदी ने महिलाओं के प्रति अपराधों की रोकथाम पर जोर देते हुए कहा, “महिलाओं के प्रति अत्याचार को समाज के तौर पर गंभीरता से लेना होगा। अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए, ताकि उनमें डर पैदा हो सके।”
स्किल डेवलेपमेंट और युवाओं के लिए अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज के बदलते विश्व में स्किल का महत्व बढ़ गया है। हम युवाओं को ग्लोबल जॉब मार्केट के लिए स्किल्ड बनाना चाहते हैं। इसके लिए रिसर्च और इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा है, जिससे देश के युवा नई ऊंचाइयों को छू सकें।”
गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे का विकास
प्रधानमंत्री ने गरीबी उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और देश में बुनियादी ढांचे का विकास तेजी से हो रहा है। हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक एक विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण करें।”
सरकार के माई-बाप कल्चर से मुक्ति
पीएम मोदी ने कहा, “हमने सरकार के माई-बाप कल्चर को बदलकर गवर्नेंस के नए मॉडल को अपनाया है, जहां सरकार खुद जनता के पास जाती है और उनकी जरूरतों को पूरा करती है।”
सुधारों की दिशा में देश की प्रगति
प्रधानमंत्री ने सुधारों पर जोर देते हुए कहा, “हमारे सुधार चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूती देने के लिए हैं। राजनीतिक नेतृत्व और सरकारी मशीनरी जब एकजुट होकर काम करते हैं, तो निश्चित रूप से परिणाम मिलते हैं।”
नए भारत के सपनों को साकार करने का आह्वान
अंत में, प्रधानमंत्री ने देशवासियों से 2047 तक एक विकसित भारत के सपने को साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए स्वर्णिम कालखंड है। हमें इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए और अपने सपनों को साकार करने के लिए जी-जान से जुट जाना चाहिए।