Lebanon Pager Explosion: जानें कैसे हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के पेजर लेबनान और सीरिया में फटे, PETN के इस्तेमाल की संभावना, इज़राइल की भूमिका और इस धमाके के पीछे की कई थ्योरी क्या हैं।
परिचय: हिज़्बुल्लाह लड़ाकों पर हुए धमाके
मंगलवार को लेबनान और सीरिया में हिज़्बुल्लाह लड़ाकों के पेजर डिवाइस अचानक फटने लगे, जिससे पूरे इलाके में एक बड़ा विस्फोटक हमला हुआ। इस हमले में हिज़्बुल्लाह के करीब 3,000 लड़ाके घायल हो गए। इस विस्फोट की तकनीकी गहराई और उसका पैमाना यह दर्शाता है कि यह हमला बिना किसी बड़ी खुफिया एजेंसी की मदद से संभव नहीं हो सकता था।
also read – Corona Sub Variant XEC: तेजी से फैल रहा है नया वेरिएंट, जानें खतरे की पूरी जानकारी
Lebanon Pager Explosion: टेक्नोलॉजी का चमत्कार या सामरिक हमला?
यह हमला इतना सुनियोजित और भयंकर था कि विशेषज्ञों को लगता है कि यह किसी सरकार या उच्चस्तरीय एजेंसी के समर्थन के बिना नहीं किया जा सकता। जहां इस हमले की ज़िम्मेदारी लेने से इज़राइल ने इंकार किया है, वहीं जानकारों का मानना है कि इस तरह के जटिल हमलों के लिए मोसाद जैसी एजेंसी का हाथ होना संभव है। इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष को देखते हुए, इस हमले के पीछे इज़राइल के होने की आशंका जताई जा रही है।
ALSO READ :- ग्राम खरखड़ी में महादेव शिव मंदिर का भूमिपूजन: धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव
Lebanon Pager Explosion: पेजर धमाके कैसे हुए?
धमाकों का पैटर्न काफी अद्वितीय था। हिज़्बुल्लाह के हजारों लड़ाकों ने देखा कि उनके पेजर अचानक “एरर” दिखाने लगे और वाइब्रेट होने लगे। कुछ ही सेकंड बाद ये डिवाइस फट गए, जिससे लड़ाकों को गंभीर चोटें आईं। यह हमला एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा लग रहा था, जिसका उद्देश्य हिज़्बुल्लाह की ताकत को कमजोर करना था।
Lebanon Pager Explosion: क्या PETN विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले में PETN (पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट) नामक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। यह एक शक्तिशाली और छोटा विस्फोटक होता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आसानी से फिट किया जा सकता है। PETN की वजह से यह हमला इतना घातक हो सकता है, और इसका उपयोग बिना किसी सक्षम खुफिया एजेंसी के सहयोग के असंभव है।
धमाके के पीछे की थ्योरी: किसने किया हमला?
हमले को लेकर कई थ्योरीज़ हैं। एक थ्योरी यह है कि इज़राइल ने पेजर शिपमेंट के दौरान उनमें विस्फोटक लगाए थे। दूसरी थ्योरी यह बताती है कि पेजर्स में रिमोट कमांड से विस्फोट कराया गया। इस थ्योरी के तहत पेजर्स को एक संकेत भेजा गया, जिससे वह “एरर” दिखाने लगे और फिर विस्फोट हो गया।
Lebanon Pager Explosion: हिज़्बुल्लाह द्वारा पेजर का इस्तेमाल: इतिहास की झलक
हिज़्बुल्लाह लंबे समय से संचार के लिए पेजर का इस्तेमाल करता आ रहा है। पेजर्स, स्मार्टफोन की तुलना में ट्रैकिंग के लिए कम संवेदनशील होते हैं, जिससे हिज़्बुल्लाह को इज़राइली खुफिया एजेंसियों से बचने में मदद मिलती है। हालांकि, इस हमले से पता चलता है कि पेजर जैसी सरल तकनीक भी सुरक्षित नहीं है।
Lebanon Pager Explosion: इज़राइल की भूमिका,आरोप और थ्योरी
इज़राइल लंबे समय से हिज़्बुल्लाह के साथ संघर्ष में है, और इस हमले में उसकी भागीदारी को लेकर कई आरोप लगाए जा रहे हैं। मोसाद की क्षमताओं को देखते हुए, विशेषज्ञ मानते हैं कि इज़राइल ही इस हमले के पीछे हो सकता है। हालांकि, इज़राइल ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।
क्या पेजर शिपमेंट के दौरान छेड़छाड़ हुई?
कुछ महीनों पहले हिज़्बुल्लाह ने ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से पेजर मंगवाए थे। शिपमेंट के दौरान, इन पेजरों को बंदरगाह पर तीन महीने तक रोका गया, और इसी दौरान इज़राइली एजेंसियों ने उनमें विस्फोटक लगा दिए। माना जा रहा है कि इज़राइल ने लगभग 5,000 पेजरों में विस्फोटक डिवाइस फिट किए, जिनमें से 3,000 पेजर्स में विस्फोट हो गए।
एक समय पर कैसे हुआ एक साथ विस्फोट?
इस हमले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह था कि सभी पेजर्स एक ही समय पर फटे। जानकारों का कहना है कि इज़राइली एजेंसियों ने एक संदेश भेजा, जो पेजर्स पर एक “एरर” मैसेज के साथ आया। जैसे ही लोगों ने उस एरर को देखा, पेजर फट गया। यही वजह है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इस विस्फोट से प्रभावित हुए।
Lebanon Pager Explosion: पेजर विस्फोटों का विस्तृत विश्लेषण
प्रत्येक पेजर में बैटरी के पास 30-60 ग्राम PETN विस्फोटक लगाए गए थे। इन विस्फोटकों को रिमोट डेटोनेटर के ज़रिए सक्रिय किया गया। यह दिखाता है कि हमला कितनी बारीकी से योजनाबद्ध था, और इसे अंजाम देने में उच्च तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत थी।
हमले का असर: हताहत और घायलों की स्थिति
इस हमले में मरने वालों की संख्या कम थी, लगभग 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन 3,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। कई लोगों के हाथ-पैर कट गए, तो कई लोगों ने आंखों की रोशनी खो दी। हिज़्बुल्लाह के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसके कई प्रमुख लड़ाके इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
Lebanon Pager Explosion: इज़राइल इस मामले पर चुप क्यों है?
हालांकि इज़राइल ने अभी तक इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह इज़राइली एजेंसियों द्वारा किया गया एक रणनीतिक हमला था। इज़राइल का इस मामले पर चुप रहना उसके लंबे समय से चल रहे सुरक्षा ऑपरेशनों की एक विशेषता हो सकता है।
Lebanon Pager Explosion: क्या हिज़्बुल्लाह इस हमले को टाल सकता था?
हिज़्बुल्लाह का पेजर्स पर निर्भर होना उसकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुआ। इस हमले ने दिखाया कि कैसे साधारण तकनीक को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। भविष्य में हिज़्बुल्लाह को अपनी संचार प्रणाली पर पुनर्विचार करना पड़ेगा ताकि ऐसे हमलों से बचा जा सके।
पेजर तकनीक: यह कैसे काम करती है?
पेजर एक छोटा, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे शॉर्ट मैसेज भेजने या प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे बीपर भी कहा जाता है। 2000 के दशक में, पेजर्स का स्थान टेलीफोन और मोबाइल फोन ने ले लिया। लेकिन हिज़्बुल्लाह जैसे संगठन इसे अब भी सुरक्षित संचार के लिए उपयोग करते हैं।
निष्कर्ष: इस हमले का भविष्य की लड़ाइयों पर क्या असर पड़ेगा?
यह हमला हिज़्बुल्लाह और इज़राइल के बीच के संघर्ष में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। इस हमले में जिस तरह से सामान्य उपकरणों का इस्तेमाल हथियारों की तरह किया गया, वह भविष्य की लड़ाइयों की नई दिशा को दर्शाता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि तकनीकी सरलता भी युद्ध में घातक रूप से इस्तेमाल की जा सकती है।
FAQs
1. PETN क्या है और इसका उपयोग क्यों किया गया?
PETN एक शक्तिशाली सैन्य विस्फोटक है। इसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आसानी से फिट किया जा सकता है, जो इसे इस तरह के कोवर्ट ऑपरेशन के लिए आदर्श बनाता है।
2. हिज़्बुल्लाह मोबाइल फोन की जगह पेजर का इस्तेमाल क्यों करता है?
हिज़्बुल्लाह पेजर का इस्तेमाल इसलिए करता है क्योंकि इसे ट्रैक करना मुश्किल होता है, जबकि स्मार्टफोन का पता आसानी से लगाया जा सकता है।
3. पेजर एक साथ कैसे फटे?
धमाकों को एक रिमोट कमांड के ज़रिए सक्रिय किया गया था, जिसमें सभी पेजर्स को एक साथ एक एरर मैसेज भेजा गया, जो विस्फोट का कारण बना।
4. क्या इज़राइल ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है?
नहीं, इज़राइल ने आधिकारिक रूप से इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसकी जटिलता के कारण इज़राइल पर शक किया जा रहा है।
5. इस हमले का भविष्य की लड़ाइयों पर क्या असर होगा?
इस हमले ने यह दिखाया कि कैसे सामान्य तकनीक को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे भविष्य की लड़ाइयों में नई रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं।