किरण राव की फिल्म ‘laapataa ladies’ को ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री मिली। जानिए कैसे यह कॉमेडी ड्रामा फिल्म कई बड़ी फिल्मों को पछाड़ते हुए ऑस्कर तक पहुंची।
किरण राव की ‘laapataa ladies’ ऑस्कर 2025 में पहुंची, इन फिल्मों को छोड़ा पीछे
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए ऑस्कर में एंट्री पाना हमेशा से गर्व की बात होती है। इस साल भी ऑस्कर 2025 में भारत की ओर से आधिकारिक एंट्री का ऐलान कर दिया गया है, और इस बार किरण राव की फिल्म ‘laapataa ladies’ ने यह सम्मान हासिल किया है।
किरण राव, जो पहले से ही अपने अनोखे क्राफ्ट और सिनेमा के प्रति जुनून के लिए जानी जाती हैं, का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने हाल ही में कहा था कि वह इस फिल्म को ऑस्कर में देखना चाहती हैं, और अब उनका यह सपना हकीकत में बदल चुका है।
13 साल बाद निर्देशन में लौटीं किरण राव
laapataa ladies किरण राव की दूसरी डायरेक्टोरियल फिल्म है। इस फिल्म ने उन्हें 13 साल बाद निर्देशन के क्षेत्र में वापस लाया। उनकी पिछली फिल्म, ‘धोबी घाट’, ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा था, लेकिन इस बार उन्होंने कॉमेडी ड्रामा शैली में कदम रखा है।
फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भले ही औसत प्रतिक्रिया मिली हो, लेकिन आलोचकों ने इसे सराहा और किरण राव के निर्देशन की भरपूर प्रशंसा की। उनके क्राफ्ट और कहानी कहने के तरीके ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।
ऑस्कर 2025 के लिए आधिकारिक एंट्री
फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ऑस्कर 2025 में भारत की ओर से भेजी जाने वाली फिल्मों की सूची जारी की, जिसमें किरण राव की ‘लापता लेडीज’ ने खास जगह बनाई है। यह फिल्म भारत की आधिकारिक एंट्री बन गई है और ऑस्कर के लिए भेजी जाने वाली चुनिंदा फिल्मों में शामिल हो गई है।
इन फिल्मों को पछाड़ा ‘लापता लेडीज’ ने
‘laapataa ladies’ ने ऑस्कर की रेस में कई बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। इसमें शामिल हैं:
वाजहई
तंगलान
उलोजकुहू
श्रीकांत
इन सभी फिल्मों को मात देते हुए ‘लापता लेडीज’ ने भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाया है।
फिल्म की कहानी: हंसी और हैरानी से भरी एक अनोखी यात्रा
laapataa ladies एक कॉमेडी ड्रामा है, जो दो महिलाओं की अनोखी कहानी पर आधारित है, जो शादी के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो जाती हैं। फिल्म की कहानी सूरजमुखी गांव के दीपक (स्पर्श श्रीवास्तव) से शुरू होती है, जो अपनी नई नवेली पत्नी फूल (नितांशी गोयल) को उसके गांव से पहली बार विदाकर ससुराल लेकर जा रहा होता है।
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लेकिन गलती से फूल ट्रेन में छूट जाती है और दीपक किसी और महिला (प्रतिभा रांटा) को गलती से अपने घर ले आता है। इसके बाद दोनों के जीवन में जो उथल-पुथल मचती है, वह दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर देती है। फिल्म के संवाद और सिचुएशंस हंसी का पिटारा खोल देते हैं, वहीं किरदारों के लिए यह स्थिति हैरान कर देने वाली होती है।
क्यों है यह फिल्म खास?
‘laapataa ladies’ न केवल अपने मजेदार और हल्के-फुल्के अंदाज के लिए जानी जा रही है, बल्कि इसकी गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ें भी इसे खास बनाती हैं। फिल्म ग्रामीण भारत के परिवेश को बड़े ही सहज और मनोरंजक तरीके से पेश करती है, जहां गलती से हुई घटनाएं कई बार जिंदगी की दिशा बदल देती हैं।
किरण राव की दृष्टि और निर्देशन
किरण राव ने इस फिल्म को अपने खास अंदाज में पेश किया है। उनके निर्देशन में हर सीन बारीकी से बनाया गया है, जिसमें हंसी और इमोशंस का सही तालमेल देखने को मिलता है। उनके द्वारा चुनी गई कास्टिंग भी बेहतरीन है, जहां सभी कलाकारों ने अपनी-अपनी भूमिकाओं में जान डाल दी है।
ऑस्कर की उम्मीदें
‘laapataa ladies’ की ऑस्कर 2025 में एंट्री भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा पल है। फिल्म की अनूठी कहानी और किरदारों के साथ-साथ किरण राव का निर्देशन इसे एक मजबूत दावेदार बनाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्कर में यह फिल्म कितनी दूर तक जाती है, लेकिन अभी के लिए, इसका चयन ही भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है।
निष्कर्ष
किरण राव की ‘laapataa ladies’ न केवल एक मनोरंजक कॉमेडी है, बल्कि इसमें गहराई से भरी हुई सामाजिक टिप्पणियां भी हैं। यह फिल्म भारत की ऑस्कर 2025 में आधिकारिक एंट्री बनकर हमारी फिल्म इंडस्ट्री की समृद्धता और विविधता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने जा रही है।
FAQs
1. ‘लापता लेडीज’ की कहानी किस पर आधारित है?
यह फिल्म दो महिलाओं की कहानी पर आधारित है, जो शादी के बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो जाती हैं।
2. ‘लापता लेडीज’ का निर्देशन किसने किया है?
इस फिल्म का निर्देशन किरण राव ने किया है, जो उनकी दूसरी डायरेक्टोरियल फिल्म है।
3. ‘लापता लेडीज’ ने कौन सी फिल्मों को ऑस्कर 2025 में पछाड़ा है?
फिल्म ने ‘वाजहई’, ‘तंगलान’, ‘उलोजकुहू’, और ‘श्रीकांत’ जैसी बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ा है।
4. किरण राव ने कितने साल बाद निर्देशन में वापसी की है?
किरण राव ने 13 साल बाद ‘लापता लेडीज’ के साथ निर्देशन में वापसी की है।
5. ‘लापता लेडीज’ किस शैली की फिल्म है?
यह एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है, जिसमें हंसी और इमोशंस का सही तालमेल है।