रामपायली पुलिस द्वारा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपायली में साइबर सिक्योरिटी कार्यशाला का किया गया आयोजन

रामपायली पुलिस द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में साइबर सुरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई। छात्रों को ओटीपी सुरक्षा, फिशिंग, साइबर बुलिंग, और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के उपाय बताए गए। जानें पूरी जानकारी।

रामपायली
CYBER SECURITY workshop

तकनीकी युग के विस्तार के साथ साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अटैक और ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, रामपायली पुलिस ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, रामपायली में एक विशेष साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और विद्यालय स्टाफ को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करना और उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के उपाय सिखाना था।

तकनीकी विकास के साथ बढ़ता साइबर अपराध

तकनीक ने मानव जीवन को सरल और अधिक सक्षम बनाया है, लेकिन इसके साथ ही इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल तकनीक का दुरुपयोग कर लोगों की निजी जानकारी चुराई जा रही है और इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे-जैसे तकनीक उन्नत हो रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराध के नए-नए तरीके भी विकसित हो रहे हैं।

कार्यशाला का उद्देश्य

साइबर अपराध के लगातार बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए, रामपायली थाना प्रभारी श्री चंद्रजीत यादव द्वारा विद्यालय में आयोजित इस कार्यशाला में छात्रों और स्टाफ को साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें साइबर अपराध से बचने के उपायों की जानकारी देना था।

साइबर सुरक्षा के मुख्य बिंदु

कार्यशाला में साइबर सुरक्षा के विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिनमें निम्नलिखित विषयों पर जोर दिया गया:

1. ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा

छात्रों को यह समझाया गया कि उन्हें अपना ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, चाहे वह कितनी भी विश्वसनीय लगे। साइबर अपराधी अक्सर इसका दुरुपयोग कर धोखाधड़ी करते हैं।

2. संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें

ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों में सबसे सामान्य तरीका होता है कि अनजान लिंक पर क्लिक कराना। छात्रों को आगाह किया गया कि वे किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, जो स्पैम या धोखाधड़ी का कारण बन सकता है।

3. मजबूत पासवर्ड बनाएं

सुरक्षित और मजबूत पासवर्ड रखना बेहद जरूरी है। कार्यशाला में छात्रों को सिखाया गया कि वे अपने पासवर्ड को कठिन और अद्वितीय रखें, ताकि उनकी जानकारी सुरक्षित रहे।

4. फिशिंग और साइबर स्टॉकिंग से बचाव

फिशिंग (Phishing) एक ऐसा तरीका है जिसमें अपराधी ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के जरिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। इसी तरह, साइबर स्टॉकिंग और साइबर बुलिंग से बचने के लिए जागरूकता दी गई।

5. वॉयस क्लोनिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्कता

वर्तमान समय में वॉयस क्लोनिंग और अन्य साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों पर चर्चा की गई। छात्रों को इस बारे में सचेत किया गया कि कैसे उनकी आवाज का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी की जा सकती है और इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

छात्रों और स्टाफ के साथ संवाद

कार्यशाला के दौरान श्री चंद्रजीत यादव ने छात्रों से सीधे संवाद किया और उनके सवालों का जवाब दिया। उन्होंने साइबर अपराधों के वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से छात्रों को इन खतरों से बचने की जानकारी दी।

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कार्यक्रम में शामिल पुलिस और स्टाफ

कार्यशाला के दौरान विद्यालय का स्टाफ और पुलिस बल भी उपस्थित रहा। सभी ने साइबर अपराधों को लेकर अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी।

निष्कर्ष

इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों और युवाओं को साइबर अपराधों से बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। रामपायली पुलिस द्वारा आयोजित यह साइबर सुरक्षा कार्यशाला छात्रों के लिए बेहद उपयोगी रही, क्योंकि इसने उन्हें साइबर खतरों से निपटने के लिए जरूरी जानकारी और उपाय दिए। उम्मीद है कि इस तरह की जागरूकता अभियान से साइबर अपराधों में कमी आएगी और लोग खुद को ऑनलाइन सुरक्षित महसूस करेंगे।

FAQs

1. साइबर सुरक्षा कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य क्या था?
साइबर सुरक्षा कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों और स्टाफ को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना और उनसे बचने के उपाय सिखाना था।

2. कार्यशाला में किस तरह की जानकारी दी गई?
ओटीपी सुरक्षा, संदिग्ध लिंक से बचाव, मजबूत पासवर्ड बनाने, फिशिंग, साइबर स्टॉकिंग, और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई।

3. क्या साइबर स्टॉकिंग और साइबर बुलिंग से बचने के उपाय बताए गए?
हां, कार्यशाला में साइबर स्टॉकिंग और साइबर बुलिंग से बचने के उपाय भी विस्तार से बताए गए।

4. इस कार्यशाला का आयोजन किसने किया?
इस कार्यशाला का आयोजन रामपायली थाना प्रभारी श्री चंद्रजीत यादव द्वारा किया गया।

5. क्या साइबर सुरक्षा से संबंधित अन्य जागरूकता कार्यक्रम भी होते हैं?
हां, पुलिस और अन्य संगठनों द्वारा समय-समय पर साइबर सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे लोग साइबर खतरों से बच सकें।

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