कोलकाता हत्याकांड पर निर्भया की मां का बयान

कोलकाता की महिला डॉक्टर के जघन्य हत्याकांड पर निर्भया की मां का बयान। कानून पर सवाल उठाते हुए उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया की विफलता पर चिंता जताई।

kolkata docter case
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हाल ही में कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हुई ऑन ड्यूटी महिला डॉक्टर की नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के बाद अब निर्भया की मां आशा देवी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कानून तो बन गए हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं हो रहा, जिससे महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी नहीं आ रही है।

कानून बने, लेकिन अमल नहीं: आशा देवी का बयान

आशा देवी का कहना है कि 2020 के बाद भी कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन न्याय मिलना अभी भी एक दूर की कौड़ी है। उन्होंने कहा, “अगर ऐसे ही दोषी छूटते रहे, तो महिलाएं कभी सुरक्षित नहीं रह सकतीं। 12-13 साल हो गए हैं, बहुत कुछ बदला है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।” उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट्स की स्थापना की सराहना की, लेकिन साथ ही न्यायिक प्रक्रिया में तेजी न आने पर चिंता भी जताई।

कोलकाता हत्याकांड: एक और भयावह घटना

कोलकाता के इस ताजा मामले में, एक महिला डॉक्टर के साथ पहले रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद, अपराधियों ने हत्या के सबूत मिटाने का भी प्रयास किया। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है और उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया है। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई है।

महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

निर्भया केस के बाद से ऐसा माना जा रहा था कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनेंगे और उन पर सख्ती से अमल होगा, लेकिन हालिया घटनाएं इस उम्मीद को धूमिल करती हैं। आशा देवी के अनुसार, “जब तक दोषियों को सजा नहीं होगी, तब तक अपराध होते रहेंगे और समाज की मानसिकता में बदलाव नहीं आएगा।”

अपराधों पर रोक: कानून और समाज में बदलाव की जरूरत

हमारा मानना है कि महिलाओं के प्रति अपराधों पर रोक लगाने के लिए हमें अपने कानूनों में और अधिक सख्ती और सुधार की जरूरत है। इसके साथ ही समाज में महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है, ताकि अपराधी घिनौनी हरकत करने से पहले उसके परिणामों का भलीभांति अंदाजा लगा सकें।

conclusion

हमारा मत है की महिलाओं से जुड़े अपराध पर रोक लगाने के लिए हमे अपने कानूनों में महिला सुरक्षा संबंधी नए कानूनों का बदलाव करना होंगा ताकि इस तरह को घिनौनी हरकत करने से पहले अपराधी उसके भविषगत परिणामों को जान सके। वही हमे अपने समाज को महिला सुरक्षा और सम्मान के प्रति जागरूक करने की भी आवश्यकता है।

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