IPS Pankaj Choudhary राजस्थान के चर्चित अधिकारी की वायरल चिट्ठी और उनके जीवन के विवाद की खुली चिट्ठी में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लगाए गए आरोपों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। जानिए इस चर्चित अधिकारी के जीवन के विवाद और उनके करियर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू।
राजस्थान के IPS अधिकारी पंकज चौधरी एक बार फिर चर्चा में हैं। उनकी एक खुली चिट्ठी, जिसमें उन्होंने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, तेजी से वायरल हो रही है। यह पहली बार नहीं है जब पंकज चौधरी चर्चा का केंद्र बने हैं। इससे पहले भी वे कई विवादों और घटनाओं के कारण सुर्खियों में रह चुके हैं। इस लेख में हम IPS Pankaj Choudhary के करियर, विवादों और उनकी इस चर्चित चिट्ठी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
IPS Pankaj Choudhary: एक परिचय
पंकज चौधरी, जो राजस्थान कैडर के 2009 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं, उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने वाराणसी से हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। IPS बनने से पहले, उन्होंने दो सरकारी और दो प्राइवेट नौकरियों में काम किया। राजस्थान में उन्होंने कोटा, बांसवाड़ा, जैसलमेर, बूंदी, अजमेर और जयपुर जैसे प्रमुख जिलों में सेवा दी है।
वर्तमान में पंकज चौधरी राजस्थान में कम्युनिटी पुलिसिंग सेवा के एसपी के पद पर तैनात हैं। उनके जीवन और करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन उन्होंने हर बार मजबूती से आगे बढ़ने का प्रयास किया है।
IPS Pankaj Choudhary की वायरल चिट्ठी: अशोक गहलोत पर लगाए गंभीर आरोप
हाल ही में, पंकज चौधरी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर एक खुली चिट्ठी के माध्यम से गंभीर आरोप लगाए हैं। इस चिट्ठी ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है।
IPS Pankaj Choudhary ने इस चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मिलने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने इस चिट्ठी में बताया कि अशोक गहलोत से मिलने के लिए उन्होंने पांच मिनट का समय मांगा था, लेकिन गहलोत के इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों ने उन्हें मिलने का मौका नहीं दिया।
चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत ने उनके प्रति दुर्भावना रखी और उनकी सरकार के दौरान पंकज चौधरी के खिलाफ साजिशें की गईं। उन्होंने लिखा, “आपके निर्देशन में बनाए गए, लाभ पहुंचाए गए कुछ नौकरशाहों ने आपके मन की कुंठा को दूर करने का जिम्मा लिया।”
IPS Pankaj Choudhary के विवाद: नौकरी से बर्खास्तगी और चुनावी प्रयास
IPS Pankaj Choudhary का करियर विवादों से भरा रहा है। 2019 में, उन पर बिना पहली पत्नी को तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने इस बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी और 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल ने उनकी बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए उन्हें फिर से बहाल करने का फैसला सुनाया।
इसके अलावा, पंकज चौधरी ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की भी कोशिश की थी। बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन बर्खास्तगी का सर्टिफिकेट न लगाने की वजह से उनका नामांकन खारिज हो गया।
पंकज चौधरी की दूसरी पत्नी, मुकुल चौधरी, भी एक समय पर राजनीति में कदम रखने की कोशिश कर चुकी हैं। 2018 में उन्होंने घोषणा की थी कि वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
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गहलोत सरकार के दौरान स्थानांतरण और आरोप
IPS Pankaj Choudhary के करियर में एक और महत्वपूर्ण घटना तब हुई जब वह जैसलमेर में एसपी के पद पर तैनात थे। उस समय उन्होंने गाजी फकीर के खिलाफ कार्रवाई की थी और पोकरण के विधायक सालेह मोहम्मद के खिलाफ एक जवान को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। इस घटना के बाद, उन्हें मात्र 48 घंटे के अंदर स्थानांतरित कर दिया गया।
चौधरी का कहना है कि यह तबादला अशोक गहलोत की सरकार के तहत उनके प्रति दुर्भावना का परिणाम था। इस प्रकार के आरोपों और घटनाओं ने चौधरी को हमेशा विवादों में बनाए रखा है।
निष्कर्ष
IPS Pankaj Choudhary एक ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने अपने करियर में कई विवादों का सामना किया है, लेकिन हर बार उन्होंने अपने आरोपों और मुद्दों को खुलकर सामने रखा। उनकी हालिया वायरल चिट्ठी ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। अशोक गहलोत पर लगाए गए आरोप और उनके करियर से जुड़े विवाद उनके साहसी व्यक्तित्व को दर्शाते हैं।
चाहे वह नौकरी से बर्खास्तगी का मामला हो या चुनावी प्रयास, पंकज चौधरी ने हमेशा अपने अधिकारों और मुद्दों के लिए आवाज उठाई है। उनके इस जज्बे और साहस ने उन्हें राजस्थान का एक चर्चित और विवादित IPS अधिकारी बना दिया है।
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी इस चिट्ठी और आरोपों पर क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है। फिलहाल, पंकज चौधरी का नाम एक बार फिर राजस्थान की सियासत और प्रशासनिक हलचलों में चर्चा का विषय बन गया है।