दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति घोटाले में जमानत मिल गई है। 104 दिन बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ। जानिए पूरी खबर।
दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने पांच सितंबर को उनकी दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने दो अहम याचिकाओं पर फैसला देते हुए सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को वैध ठहराया, लेकिन केजरीवाल को जमानत दे दी। इसके साथ ही, 104 दिनों की हिरासत के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को Arvind Kejriwal की दो याचिकाओं पर सुनवाई की। एक याचिका में सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने सही ठहराया। लेकिन दूसरी याचिका, जिसमें जमानत की मांग की गई थी, उसमें कोर्ट ने केजरीवाल के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर रिहा करने का आदेश दिया।
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104 दिन बाद जेल से बाहर आने की उम्मीद
Arvind Kejriwal को सीबीआई ने 26 जून को गिरफ्तार किया था। 2 जून को उनकी अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद उन्हें फिर से जेल भेजा गया था। 104 दिन बाद अब उनके जेल से बाहर आने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि वह आज ही जेल से रिहा हो सकते हैं।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को दी गई वैधता
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की गिरफ्तारी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी अवैध नहीं थी। सीबीआई ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में मामला दर्ज किया था, जिसके तहत यह गिरफ्तारी हुई। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि केस की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उन्हें नियमित जमानत दी जा सकती है, क्योंकि गिरफ्तारी के दौरान सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था।
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ईडी मामले में भी मिली थी जमानत
इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चलाए गए मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। इसके बाद ही केजरीवाल की रिहाई का रास्ता साफ होने लगा था। हालांकि, आबकारी नीति से जुड़े मामले में चल रही जांच के चलते उनकी जेल से रिहाई में देरी हुई।
जमानत के बाद क्या होंगे राजनीतिक समीकरण?
Arvind Kejriwal की जमानत पर राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है। उनकी पार्टी ‘आप’ और अन्य विपक्षी दलों ने उनकी गिरफ्तारी को पहले से ही राजनीति से प्रेरित करार दिया था। अब जबकि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में नए समीकरण बन सकते हैं।
केजरीवाल के खिलाफ आरोपों की प्रकृति
Arvind Kejriwal के खिलाफ मुख्य आरोप आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लगे हैं। सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली की सरकार ने शराब नीति में कुछ ऐसी खामियां रखीं, जिनसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला। इस नीति के तहत कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी है।
भविष्य की कानूनी प्रक्रिया क्या होगी?
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी यह मामला पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार के मामले में जांच और कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसियों की तरफ से जांच की प्रक्रिया अभी भी चालू है। केजरीवाल और उनकी पार्टी का कहना है कि वे कोर्ट में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।
न्यायालय के आदेश के बाद संभावित प्रभाव
केजरीवाल की रिहाई से दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से हलचल पैदा हो सकती है। दिल्ली की जनता और विपक्षी दल इस फैसले पर नजरें जमाए हुए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला आम आदमी पार्टी के लिए राहत की बात है, लेकिन इससे आने वाले चुनावों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
जमानत का कानूनी आधार
Arvind Kejriwal को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है, साथ ही दो जमानतदारियों का भी प्रावधान रखा गया है। इसका मतलब है कि केजरीवाल को कुछ शर्तों के तहत जमानत दी गई है।
आम जनता की राय
दिल्ली की जनता इस मुद्दे को काफी करीब से देख रही है। केजरीवाल की गिरफ्तारी और अब उनकी जमानत पर जनता की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। एक तरफ जहां उनके समर्थक इसे न्याय की जीत मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके विरोधियों का कहना है कि इस मामले में पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए।
भ्रष्टाचार मामले की गंभीरता
यह मामला केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है। आबकारी नीति से जुड़े इस भ्रष्टाचार मामले में कई अन्य नेताओं और व्यापारियों की भूमिका की भी जांच हो रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है और क्या इससे दिल्ली की राजनीति प्रभावित होगी।
सारांश
Arvind Kejriwal की सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत ने उनके राजनीतिक करियर को एक नई दिशा दी है। अब जब वे 104 दिन बाद जेल से बाहर आने जा रहे हैं, उनकी पार्टी और उनके समर्थक इसे बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, यह मामला अभी भी अदालत में लंबित है और सीबीआई और ईडी की जांच जारी है।
FAQs
- अरविंद केजरीवाल को किस मामले में गिरफ्तार किया गया था?
उन्हें आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। - सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत क्यों दी?
कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के चलते जमानत दी, लेकिन उनकी गिरफ्तारी को अवैध नहीं माना। - अरविंद केजरीवाल जेल से कब बाहर आएंगे?
उन्हें 104 दिन बाद अब जल्द ही जेल से रिहा किए जाने की उम्मीद है। - क्या केजरीवाल के खिलाफ जांच अभी भी जारी है?
हां, सीबीआई और ईडी दोनों ही मामलों की जांच कर रही हैं। - केजरीवाल की जमानत का राजनीतिक असर क्या होगा?
उनकी जमानत के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल और नए समीकरण बन सकते हैं।