Arvind kejriwal: मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित

तिहाड़ जेल से रिहा होते ही अरविंद केजरीवाल ने दिया देश के प्रति समर्पण का संदेश। जानिए उनके रिहाई के बाद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया और कोर्ट द्वारा दी गई शर्तों के बारे में।

Arvind kejriwal
image source / PTI

दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind kejriwal शुक्रवार को तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। इस अवसर पर जेल के बाहर और उनके आवास के पास आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा देखा गया। सभी ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सशर्त जमानत मिलने के बाद, केजरीवाल को तिहाड़ जेल के बैरक नंबर 3 से रिहाई मिली।

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तिहाड़ जेल से बाहर आकर बोले Arvind kejriwal: “देश के लिए समर्पित है मेरा जीवन”

जेल से बाहर आते ही, Arvind kejriwal ने अपने बयान में कहा, “मैंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन भगवान ने हमेशा मुझे सही रास्ता दिखाया। इस बार भी, मेरी ईमानदारी के कारण भगवान मेरे साथ थे।” उन्होंने यह भी कहा, “मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है।”

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रिहाई के बाद निकाला गया रोड शो

केजरीवाल की रिहाई से पहले, शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के समर्थक तिहाड़ जेल के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। उन्होंने केजरीवाल के समर्थन में नारेबाजी की और बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। रिहाई के बाद, तिहाड़ जेल से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक एक भव्य रोड शो निकाला गया। इसके बाद, केजरीवाल सीधे अपने आवास पहुंचे, जहां पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

सीएम आवास के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्सव

दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाया। कार्यकर्ताओं ने नाच-गाकर खुशी का इज़हार किया और पटाखे फोड़े। यह जश्न सुप्रीम कोर्ट द्वारा आबकारी नीति घोटाले में केजरीवाल को सशर्त जमानत दिए जाने के बाद मनाया गया।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे दिल्ली

केजरीवाल की रिहाई के कुछ ही घंटों बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली पहुंचे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की और इस मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। भगवंत मान भी तिहाड़ जेल पहुंचे और वहां से केजरीवाल के साथ थे।

21 मार्च को हुई थी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 10 मई को अंतरिम जमानत मिली थी, जिसके बाद 2 जून को उन्होंने आत्मसमर्पण किया और तब से जेल में थे।

सीएम कार्यालय जाने पर पाबंदी

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कुछ शर्तें रखी हैं। उन्हें सीएम कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा, वह किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं, जब तक कि उपराज्यपाल की अनुमति आवश्यक न हो।

आगे का रास्ता

अब जब केजरीवाल जेल से बाहर आ चुके हैं, उनके समर्थकों और पार्टी के लिए यह समय अहम है। हालांकि कोर्ट की शर्तों के कारण वह प्रशासनिक गतिविधियों में सक्रिय भाग नहीं ले सकेंगे, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति अब भी महत्वपूर्ण रहेगी। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इस समय को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का अवसर मान रहे हैं।

FAQs

1. अरविंद केजरीवाल को किस मामले में गिरफ्तार किया गया था?
अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

2. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को कौन सी शर्तों पर जमानत दी है?
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है, जिसमें सीएम कार्यालय या सचिवालय न जाने और किसी आधिकारिक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर न करने की शर्तें शामिल हैं।

3. तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल ने क्या कहा?
रिहाई के बाद, केजरीवाल ने कहा, “मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित है।”

4. भगवंत मान दिल्ली क्यों आए थे?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद दिल्ली आए और आम आदमी पार्टी के अन्य नेताओं से मिले।

5. क्या केजरीवाल अब प्रशासनिक कार्य कर सकते हैं?
कोर्ट की शर्तों के तहत केजरीवाल फिलहाल कोई प्रशासनिक कार्य नहीं कर सकते हैं जब तक कि उपराज्यपाल की अनुमति प्राप्त न हो।

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