भविष्य मालिका: 2030 से पहले दुनिया पर छाएगा 7 दिनों का अंधेरा,सब कुछ होंगा खत्म?

भविष्य मालिका, जो 16वीं शताब्दी के संत अच्युतानंददास द्वारा लिखी गई है, में 2030 से पहले 7 दिनों के अंधेरे, तीसरे विश्वयुद्ध, और दुनिया के विनाश से जुड़ी कई चौंकाने वाली भविष्यवाणियों का उल्लेख किया गया है। जानिए इस ग्रंथ में किए गए अन्य चौंकाने वाली भविष्यवाणियों के बारे में और उनका क्या मतलब हो सकता है।

भविष्य मालिका
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प्रस्तावना

वर्तमान समय में दुनिया भर में हो रही प्राकृतिक आपदाओं और संघर्षों ने मानवता के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। ऐसे समय में, प्राचीन भारतीय ग्रंथों में से एक “भविष्य मालिका” में की गई भविष्यवाणियाँ हमें आने वाले समय के बारे में कुछ चौंकाने वाले संकेत देती हैं। इस ग्रंथ के लेखक संत अच्युतानंददास ने 16वीं शताब्दी में कलियुग और इसके अंत के बारे में कई महत्वपूर्ण भविष्यवाणियाँ की थीं। उनकी भविष्यवाणियाँ न केवल उनके समय में, बल्कि वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं।

संत अच्युतानंददास और भविष्य मालिका

संत अच्युतानंददास भारत के महान संतों में से एक थे, जिनकी भविष्यवाणियाँ आज भी सत्य मानी जाती हैं। उन्होंने “भविष्य मालिका” नामक ग्रंथ की रचना की, जिसमें उन्होंने कलियुग के अंत और दुनिया के विनाश के बारे में कई विवरण दिए हैं। कहा जाता है कि वे भूत और भविष्य के बारे में सटीक विश्लेषण करने की अद्भुत क्षमता रखते थे।

भविष्य मालिका में उन्होंने जगन्नाथ मंदिर की भविष्यवाणियाँ की थीं, जिनमें से कई सत्य साबित हो चुकी हैं। उन्होंने लिखा था कि जगन्नाथ मंदिर में त्रिदेवों के वस्त्र जलेंगे, एक प्राचीन पेड़ गिरेगा और मंदिर के शिखर पर गिद्ध आकर बैठेगा। इन भविष्यवाणियों के पूरा होने के बाद, उनकी भविष्यवाणियों की विश्वसनीयता में कोई संदेह नहीं रह जाता।

तीसरे विश्वयुद्ध और गृहयुद्ध की भविष्यवाणी

भविष्य मालिका में दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध की भविष्यवाणी की गई है। वर्तमान समय में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में तनाव और संघर्ष का माहौल है। कई देश दो धड़ों में बंटते दिख रहे हैं, और गृहयुद्ध की स्थिति बन रही है। यह सब तीसरे महायुद्ध की ओर इशारा कर रहा है, जिसमें दुनिया भर में भयंकर तबाही होगी। इस महायुद्ध के परिणामस्वरूप दुनिया की आबादी केवल 64 करोड़ ही बच पाएगी।

इस युद्ध में लोग कीड़ों की तरह मरेंगे, और दुनिया की आबादी में भारी गिरावट आएगी। यह समय कलियुग के अंत की ओर इशारा करता है, जहां मानवता को अपने विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

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आसमान में दो सूरज का उदय

भविष्य मालिका में एक और चौंकाने वाली भविष्यवाणी की गई है कि एक समय ऐसा आएगा जब आसमान में दो सूरज दिखाई देंगे। यह घटना दुनिया को कलियुग के चरम पर पहुंचने का संकेत देगी। इस भविष्यवाणी के अनुसार, जो सूर्य की तरह पिंड दिखाई देगा, वह बंगाल की खाड़ी में गिरेगा, जिससे ओडिशा राज्य पूरी तरह से तबाह और जलमग्न हो जाएगा।

यह भविष्यवाणी हमें याद दिलाती है कि कुछ साल पहले कोलंबिया में भी दो सूरज दिखाई देने का दावा किया गया था। उस घटना ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों और खगोलविदों का ध्यान खींचा था, और यह भविष्यवाणी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति की ओर इशारा करती है।

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कलियुग के तीन चरण

भविष्य मालिका में धरती के विनाश को तीन चरणों में विभाजित किया गया है।

1. पहला चरण: यह कलियुग के अंत का समय होगा, जिसमें दुनिया में व्याप्त भ्रष्टाचार, अधर्म और पाप अपनी चरम सीमा पर होंगे।

2. दूसरा चरण: इस चरण में समूची धरती का महाविनाश होगा, जिसमें प्राकृतिक आपदाएँ, युद्ध और महामारी शामिल होंगी।

3. तीसरा चरण: इस चरण में एक नए युग का प्रारंभ होगा, जिसमें नई दुनिया का उदय होगा। इस नए युग में सत्य, धर्म और शांति की स्थापना होगी, और मानवता एक नए रास्ते पर चलेगी।

धरती की धुरी में बदलाव

भविष्य मालिका में धरती के स्वरूप में बदलाव की भविष्यवाणी की गई है। इसमें कहा गया है कि धरती की धुरी में परिवर्तन होगा, जिसके परिणामस्वरूप समय-समय पर बड़े भूकंप आएंगे। इस बदलाव के कारण धरती पर जीवन में भारी बदलाव आ सकते हैं, और यह मानवता के लिए एक नए युग की शुरुआत का संकेत हो सकता है।

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खेती में गिरावट

भविष्य मालिका में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि समय के साथ-साथ खेती में गिरावट आएगी। लोग धीरे-धीरे खेती करना बंद कर देंगे, जिसके परिणामस्वरूप अनाज, फल और सब्जियों का अकाल हो जाएगा। किसानों का खेती से मोहभंग हो जाएगा, और वे फसल उगाने में कोई दिलचस्पी नहीं लेंगे। यह भविष्यवाणी आज के समय में बहुत प्रासंगिक लगती है, जहां कृषि संकट और पर्यावरणीय बदलाव के कारण किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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2030 से पहले का अंधेरा

भविष्य मालिका में आने वाले समय के लिए एक और चौंकाने वाली भविष्यवाणी की गई है कि 2022 से 2030 के बीच धरती पर एक भयानक प्राकृतिक आपदा आएगी, जिसमें लगातार 7 दिनों तक सूर्य की रोशनी गायब हो जाएगी। यह घटना 2030 से पहले कभी भी घट सकती है और इस घटना के कारण पूरी दुनिया में हाहाकार मच जाएगा।

इस भविष्यवाणी को देखते हुए, यह समझा जा सकता है कि आने वाले समय में मानवता को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

जगन्नाथ मंदिर की भविष्यवाणियाँ और उनकी सत्यता

भविष्य मालिका में जगन्नाथ मंदिर के बारे में की गई भविष्यवाणियाँ आज भी चर्चा का विषय हैं। इस ग्रंथ में कहा गया था कि एक समय ऐसा आएगा जब मंदिर में त्रिदेवों के वस्त्र जलेंगे, एक प्राचीन पेड़ गिरेगा, और मंदिर के शिखर पर गिद्ध आकर बैठेगा। ये सभी भविष्यवाणियाँ सत्य साबित हो चुकी हैं, जिससे संत अच्युतानंददास की भविष्यवाणियों की प्रामाणिकता पर मुहर लग जाती है। यह दिखाता है कि संत की दृष्टि कितनी दूरदर्शी थी और उनकी चेतावनियों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

आधुनिक समस्याओं का भविष्य मालिका में वर्णन

भविष्य मालिका में वर्णित कई भविष्यवाणियाँ आज के समय की समस्याओं से मेल खाती हैं। चाहे वह विश्व में बढ़ता तनाव हो, या प्राकृतिक आपदाएँ—संत अच्युतानंददास ने सदियों पहले इन घटनाओं का सटीक वर्णन किया था। वर्तमान में हो रहे बदलाव, जैसे जलवायु परिवर्तन, कृषि संकट और सामाजिक अस्थिरता, इन भविष्यवाणियों की सत्यता को दर्शाते हैं। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम इन चेतावनियों पर ध्यान दे रहे हैं या नहीं।

मानवता के लिए चेतावनी: विनाश के संकेत

भविष्य मालिका की भविष्यवाणियाँ न केवल विनाश की भविष्यवाणी करती हैं, बल्कि मानवता के लिए एक चेतावनी भी हैं। तीसरे विश्वयुद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, और 7 दिनों के अंधेरे की भविष्यवाणियाँ हमें बताती हैं कि यदि हम अपने कार्यों और जीवनशैली में बदलाव नहीं करते, तो हमें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह ग्रंथ हमें सचेत करता है कि हमें अपनी दुनिया की सुरक्षा और शांति के लिए जागरूक होना चाहिए और उचित कदम उठाने चाहिए।

निष्कर्ष

भविष्य मालिका में संत अच्युतानंददास ने जो भविष्यवाणियाँ की हैं, वे आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। उनके द्वारा लिखे गए इस ग्रंथ में कलियुग के अंत और दुनिया के विनाश के संकेत दिए गए हैं, जो आने वाले समय में मानवता के लिए एक चेतावनी हो सकते हैं। यह समय है जब हमें इन भविष्यवाणियों पर ध्यान देना चाहिए और अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए ताकि आने वाली आपदाओं से निपटा जा सके।

इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद, आप संत अच्युतानंददास की भविष्यवाणियों को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह समय है कि हम सतर्क रहें और आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार हों।

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इस लेख में दी गई जानकारियां लोक कथाओं के आधार पर वर्णित है डेली क्लिप इसकी सत्यता का दावा नही करता है।

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