“सहारनपुर के व्यापारी दंपति ने कर्ज के बोझ से परेशान होकर गंगा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे उनके दो मासूम बच्चे अनाथ हो गए। जानिए इस दिल दहला देने वाली घटना का पूरा विवरण।”
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यापारी और उसकी पत्नी ने कर्ज के बोझ तले दबकर गंगा नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। दो मासूम बच्चे, जिनकी उम्र 12 और 7 साल है, इस घटना के बाद अनाथ हो गए हैं।
घटना का विवरण
10 अगस्त को, सौरभ बब्बर नाम के एक सर्राफ व्यापारी ने अपनी पत्नी मोना बब्बर के साथ मिलकर हरिद्वार में गंगा नदी में कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। मरने से पहले सौरभ ने अपनी पत्नी के साथ एक सेल्फी ली और एक सुसाइड नोट लिखा, जिसे उन्होंने अपने एक दोस्त को व्हाट्सएप पर भेजा। इसके बाद दोनों ने गंगा नदी में छलांग लगा दी।
सुसाइड नोट में कर्ज का जिक्र
सौरभ बब्बर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वे भारी कर्ज से परेशान थे और उन्हें कर्ज के ब्याज की किश्तें चुकाने में दिक्कत हो रही थी। कर्ज और ब्याज के बोझ ने उन्हें इतना मजबूर कर दिया कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाने का फैसला किया। सुसाइड नोट में यह भी लिखा गया कि उनकी दो प्रॉपर्टी हैं, जिन्हें वे अपने दोनों बच्चों के लिए छोड़ रहे हैं। बच्चों की परवरिश के लिए उन्होंने अपने माता-पिता पर भरोसा जताया।
शव की बरामदगी और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को घटना की जानकारी सौरभ के उस दोस्त ने दी, जिसने व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट और फोटो प्राप्त किए थे। पुलिस ने तुरंत हरिद्वार में तलाशी अभियान शुरू किया। 12 अगस्त को सौरभ बब्बर का शव Gang नहर से बरामद हुआ, लेकिन उनकी पत्नी मोना का शव अभी तक नहीं मिला है। पुलिस और गोताखोर उनकी तलाश में जुटे हुए हैं।
कर्ज की वजह से उठाया खौफनाक कदम
सौरभ बब्बर का कर्ज करोड़ों रुपये का था, जिसे वे चुकाने में असमर्थ थे। सौरभ के व्यवसाय में भी घाटा हो रहा था, और वे कई कमेटियों का संचालन कर रहे थे। जब वे कमेटी के सदस्यों को पैसे चुकाने में असमर्थ हो गए, तो कर्जदारों के दबाव ने उन्हें इस खौफनाक कदम की ओर धकेल दिया|
परिवार में शोक का माहौल
सौरभ के निधन से उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। सौरभ और मोना की शादी को 18 साल हो चुके थे और उनके दो बच्चे हैं। उनके परिजनों ने बताया कि सौरभ ने कभी नहीं सोचा था कि वे इस तरह का कदम उठाएंगे। उनका परिवार अब उनके शव का इंतजार कर रहा है ताकि वे उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।
ह घटना एक दुखद और चिंताजनक उदाहरण है कि कैसे कर्ज औरआर्थिक समस्या ने एक परिवार को बर्बाद कर दिया। सहायता और परामर्श की आवश्यकता है ताकि ऐसे दर्दनाक कदमों को रोका जा सके और लोग अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित हो सकें।