iran supreme leader: इजरायल ने ईरान को लताड़ा, भारत के मुसलमानों पर टिप्पणी को बताया गलत

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई द्वारा भारत के मुसलमानों पर दिए गए बयान पर विवाद बढ़ा। इजरायल ने समर्थन में कड़ा जवाब दिया, जबकि भारत ने इस बयान को गलत सूचना पर आधारित बताया। जानिए इस विवाद की पूरी जानकारी।

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iran supreme leader के बयान से बढ़ा विवाद: इजरायल ने दिया कड़ा जवाब

iran supreme leader अयातुल्लाह अली खामनेई द्वारा भारत के मुसलमानों की स्थिति पर दिए गए विवादित बयान से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। 16 सितंबर को पैगंबर मोहम्मद की जयंती के अवसर पर खामनेई ने अपने बयान में दावा किया कि भारत में मुसलमान उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए। खामनेई के इस बयान पर भारत के मित्र देश इजरायल ने न केवल भारत का समर्थन किया, बल्कि खामनेई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इजरायल में भारत के राजदूत रेउवेन अजार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर खामनेई को टैग करते हुए उन्हें अपने ही लोगों का हत्यारा करार दिया। उन्होंने लिखा, “तुम अपने ही लोगों के हत्यारे हो और उनका दमन करने वालों में से हो। इजरायल, भारत और सभी लोकतांत्रिक देशों में मुसलमान स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं, जो ईरान में मुमकिन नहीं है।”

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iran supreme leader का बयान: भारत में मुसलमानों की स्थिति पर सवाल

अयातुल्लाह खामनेई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि कोई म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर हो रहे मुस्लिम उत्पीड़न के बारे में नहीं जानता है, तो उसे खुद को मुस्लिम मानने से पहले सोचना चाहिए। खामनेई ने इस बयान के जरिए मुस्लिम समुदाय के एकजुट होने और उत्पीड़ित मुसलमानों की मदद करने पर जोर दिया।

भारत का कड़ा प्रतिकार: गलत सूचना पर आधारित बयान

खामनेई के इस बयान पर भारत की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बयान को गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य बताया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणबीर जायसवाल ने कहा, “भारत में मुसलमानों की स्थिति पर टिप्पणी करने वाले देशों को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। हम ईरानी नेता की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। यह बयान पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य है।”

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इजरायल का भारत को समर्थन: खामनेई पर तीखा हमला

इजरायल के राजदूत रेउवेन अजार ने खामनेई पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ईरान के नेता अपने ही लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं और उन्हें दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “ईरान में मुस्लिम समुदाय को वह स्वतंत्रता नहीं मिलती, जो भारत और अन्य लोकतांत्रिक देशों में मुसलमानों को मिलती है। इजरायल और भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में मुसलमान अपनी धार्मिक आजादी का पूरा आनंद लेते हैं।”

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अजार ने उम्मीद जताई कि भविष्य में ईरानी लोग भी आजादी का स्वाद चखेंगे और अपने देश में लोकतंत्र स्थापित कर सकेंगे। इस तरह की तीखी प्रतिक्रियाओं से यह साफ है कि भारत और इजरायल एक साथ खड़े हैं और खामनेई के इस बयान को गंभीरता से लिया गया है।

iran supreme leader खामनेई का गाजा और फिलिस्तीन पर जोर

खामनेई ने अपने बयान में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि गाजा और फिलिस्तीन के मुसलमानों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस्लामी उम्माह को एकजुट होकर इन मुद्दों का सामना करना होगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि गाजा और फिलिस्तीन में हो रहे उत्पीड़न का विरोध करना हर मुसलमान का कर्तव्य है।

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हालांकि, उनके इस बयान में भारत का प्रत्यक्ष रूप से कोई जिक्र नहीं था, फिर भी उनकी टिप्पणी ने भारतीय राजनीतिक माहौल में विवाद को जन्म दे दिया।

भारत और इजरायल की कूटनीतिक साझेदारी

भारत और इजरायल के बीच लंबे समय से कूटनीतिक साझेदारी रही है, और यह साझेदारी समय के साथ और मजबूत होती जा रही है। दोनों देश न केवल व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी एक-दूसरे का समर्थन करते रहे हैं। खामनेई के बयान के बाद इजरायल का भारत के पक्ष में आना इसी मजबूत साझेदारी का परिणाम है। इजरायल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत के साथ खड़ा है और किसी भी तरह की असत्यापित और गलत जानकारी के खिलाफ है।

ईरान की टिप्पणी: अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए मोड़

ईरान के सुप्रीम लीडर की यह टिप्पणी एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे के रूप में उभरकर सामने आई है। यह न केवल भारत और इजरायल के रिश्तों को और मजबूत करता है, बल्कि ईरान और अन्य देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को भी दर्शाता है। भारत में मुसलमानों की स्थिति पर किए गए इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक रूप से एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।

निष्कर्ष: खामनेई के बयान से बढ़ी खींचतान

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई द्वारा भारत के मुसलमानों की स्थिति पर की गई टिप्पणी ने भारत और उसके सहयोगियों में गहरी असहमति पैदा कर दी है। भारत और इजरायल ने इस बयान का कड़ा प्रतिकार किया है, जिसमें खामनेई पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जहां एक ओर भारत ने इस बयान को गलत सूचना पर आधारित बताया, वहीं इजरायल ने ईरान के मानवाधिकार हनन की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बयानबाजी से भी बड़े विवाद खड़े हो सकते हैं।

FAQs

  1. iran supreme leader खामनेई ने भारत के मुसलमानों के बारे में क्या कहा?
    • खामनेई ने कहा कि भारत में मुसलमानों का उत्पीड़न हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम समुदाय को इस पर ध्यान देना चाहिए।
  2. भारत ने iran supreme leader खामनेई के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
    • भारत ने इस बयान को गलत सूचना पर आधारित और अस्वीकार्य बताया और कहा कि खामनेई को खुद के देश के हालात पर ध्यान देना चाहिए।
  3. इजरायल ने iran supreme leader खामनेई के बयान पर क्या कहा?
    • इजरायल के राजदूत ने iran supreme leader खामनेई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और उन्हें अपने ही लोगों का हत्यारा करार दिया। उन्होंने कहा कि ईरान में मुसलमानों को वह स्वतंत्रता नहीं मिलती, जो भारत और इजरायल जैसे लोकतांत्रिक देशों में मिलती है।
  4. iran supreme leader खामनेई का बयान किस मौके पर आया?
    • खामनेई ने यह बयान पैगंबर मोहम्मद की जयंती पर दिया था, जिसमें उन्होंने गाजा, फिलिस्तीन और भारत के मुसलमानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की।
  5. क्या इजरायल और भारत की कूटनीतिक साझेदारी मजबूत है?
    • हां, इजरायल और भारत के बीच कूटनीतिक साझेदारी मजबूत है, और दोनों देश अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।

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