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Kolkata Docter Case: माता-पिता की पीड़ा और न्याय की पुकार(2024)

Kolkata Docter Case में पीड़िता के माता-पिता ने न्याय की गुहार लगाई है। इस दर्दनाक घटना और इसके पीछे की संदिग्धताओं पर माता-पिता के विचार और सीबीआई जांच की मांग के बारे में जानें।

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने समाज के हर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है। हर कोई इस केस में दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहा है। इस बीच, पीड़िता के माता-पिता ने इंडिया टीवी से बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के साथ हुए इस अन्याय और पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर सवाल उठाए हैं। इस लेख में हम इस दर्दनाक घटना के हर पहलू को समझेंगे, जिसमें माता-पिता के बयान, पुलिस की भूमिका और सीबीआई जांच की जरूरत शामिल है।

पीड़िता के पिता ने अपने इंटरव्यू में उस दर्द को साझा किया जो उन्होंने उस रात महसूस किया। उन्होंने बताया कि जिस रात यह घटना हुई, उनकी बेटी अस्पताल में ड्यूटी पर थी। अस्पताल में उस समय 70 मरीज थे, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि उनकी बेटी, जो एक डॉक्टर थी, अचानक कहां गायब हो गई। इस बात ने उनके मन में संदेह पैदा किया कि आखिर क्यों किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि एक डॉक्टर अचानक ड्यूटी से गायब कैसे हो गई।

पीड़िता के पिता ने कहा, “मन में एक सवाल आता है कि 70 पेशेंट थे, किसी ने पूरी रात ये नहीं सोचा कि डॉक्टर कहां गई। डिपार्टमेंट में पूरी रात किसी ने नहीं ढूंढा कि डॉक्टर कहां है। यही संदेह पैदा करता है कि कोई तो डिपार्टमेंट का भी शामिल है।”

यह सवाल उठना स्वाभाविक है, क्योंकि एक डॉक्टर का अचानक गायब हो जाना और किसी का इस पर ध्यान न देना निश्चित रूप से संदेहास्पद है।

पीड़िता के पिता ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी सुबह 10:53 बजे मिली, जब एक लड़की का फोन आया और उसने गंदे तरीके से बात की और अस्पताल आने को कहा। इसके बाद जब उन्होंने उस लड़की को दोबारा फोन किया तो उसने सिर्फ इतना कहा, “जल्दी अस्पताल आ जाओ।”

जब वे अस्पताल के लिए रवाना हुए, तो उन्हें असिस्टेंट सुपरवाइजर का फोन आया, जिसने बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है और जल्दी अस्पताल पहुंचने को कहा।

अस्पताल पहुंचने पर, उन्हें और उनकी पत्नी को अलग-अलग ले जाया गया। तीन घंटे तक उन्हें सेमिनार हॉल में नहीं ले जाया गया और पुलिस सिर्फ गुमराह करती रही। पीड़िता के पिता ने बताया कि अस्पताल के डिपार्टमेंट से कोई भी वहां मौजूद नहीं था, केवल पुलिसवाले थे।

प्रिंसिपल के ऑफिस में बुलाए जाने के बाद भी प्रिंसिपल ने उनसे बात नहीं की। इस पूरे घटनाक्रम ने पीड़िता के माता-पिता को यह विश्वास दिलाया कि पुलिस और अस्पताल प्रशासन मामले को सही से संभाल नहीं रहे थे और उन्हें गुमराह कर रहे थे।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए, पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे सीबीआई पर भरोसा करते हैं और चाहते हैं कि सीबीआई अपने नाम के अनुरूप काम करे ताकि उन्हें जल्द न्याय मिल सके।

पीड़िता के पिता ने कहा, “हमे किसी पर तो भरोसा रखना ही है, सीबीआई अपने नाम के अनुसार काम करे ताकि जल्दी हमें न्याय मिल सके।”

सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अस्पताल के चार अन्य कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है।

पीड़िता के पिता ने यह भी बताया कि उनकी बेटी डायरी लिखती थी, लेकिन जब उनकी बेटी का कमरा जांचा गया तो डायरी के तीन पेज फटे हुए मिले। इस बारे में उन्होंने कहा कि वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि सीबीआई ने इस पर जांच शुरू कर दी है।

पीड़िता की मां ने अपनी बेटी के सपनों और उनके टूटने के दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी हमेशा पढ़ाई में लगी रहती थी और पेशेंट्स की देखभाल करती थी। वह लैपटॉप पर पढ़ाई करती थी और घर में किसी को टीवी देखने नहीं देती थी, क्योंकि वह पढ़ाई को प्राथमिकता देती थी।

उन्होंने कहा, “मेरा एक मात्र सहारा थी बेटी। मेरा परिवार का सपना पूरा करना चाहती थी। सब टूट गया।”

पीड़िता की मां ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि पुलिस ने उन्हें गुमराह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की उम्मीद जताई और कहा, “जैसे-जैसे देर हो रही है, हमारी आशा टूट रही है।”

पीड़िता के माता-पिता ने इस मामले में दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की है। उनका कहना है कि उनकी बेटी ने एमडी में गोल्ड मेडल पाने का सपना देखा था, जो अब टूट चुका है।

उन्होंने कहा, “सीएम ने 10 लाख देने की बात की, हमें पैसा नहीं इंसाफ चाहिए।”

इस मामले में कई सवाल अनुत्तरित हैं, जिनके जवाब खोजने की जिम्मेदारी अब सीबीआई पर है। पीड़िता के माता-पिता को उम्मीद है कि उनकी बेटी को न्याय मिलेगा और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

Kolkata Docter Case ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में एक उभरती हुई डॉक्टर को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा। पीड़िता के माता-पिता की पीड़ा और उनके सवाल इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस मामले में कुछ गंभीर चूकें हुई हैं, जिन्हें अब तक छुपाया जा रहा है।

इस केस की सीबीआई जांच से उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को उनके कर्मों की सजा मिलेगी। जब तक इस मामले में न्याय नहीं मिलता, तब तक पीड़िता के माता-पिता और देशवासियों के दिलों में यह घाव बना रहेगा।

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