“सुप्रीम कोर्ट ने Kolkata Medical Collage Case में बंगाल पुलिस को फटकार लगाई, जहां महिला डॉक्टर की हत्या के बाद अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई। कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाए।”
Kolkata Medical Collage Case में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 20 अगस्त को सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार को घटना की जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिससे पूरे मामले पर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
सीबीआई की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, Kolkata Medical Collage Case के अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस जघन्य अपराध को छिपाने की कोशिश की गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद ही एफआईआर दर्ज की गई, जो कि कानून के अनुसार नहीं है। इस देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है और इस पूरे मामले की जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अपराध स्थल को सुरक्षित करने में हुई देरी पर पश्चिम बंगाल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब सुबह 10:10 बजे अप्राकृतिक मौत की सूचना दी गई थी, तो 11:45 बजे तक अपराध स्थल को सुरक्षित क्यों नहीं किया गया? यह एक गंभीर मुद्दा है, और इस पर कड़ा रुख अपनाया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिर्फ बंगाल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठाए, बल्कि डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का भी आदेश दिया। कोर्ट का मानना है कि इस टास्क फोर्स के गठन से डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
कानूनी टीम और आगे की कार्रवाई
इस मामले में बंगाल सरकार की कानूनी टीम में 21 वकील शामिल हैं, जबकि केंद्र सरकार की टीम में 5 वकील हैं। इतने बड़े कानूनी प्रतिनिधित्व से यह स्पष्ट होता है कि यह मामला कितना संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
जनाक्रोश और विरोध प्रदर्शन
इस मामले ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया है, खासकर चिकित्सा समुदाय में। देशभर के डॉक्टर और मेडिकल छात्र इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने भी इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन किया है और न्याय की मांग की है।
निष्कर्ष
Kolkata Medical Collage Case का यह मामला सिर्फ एक अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने कानून व्यवस्था और चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जिस तरह से कदम उठाए हैं, उससे उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में न्याय मिलेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा। बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर उठाए गए सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे, लेकिन फिलहाल यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।