मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने Madhya Pradesh के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। जानें आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में और क्या हुए अहम निर्णय।
Madhya Pradesh में आयुर्वेदिक शिक्षा का विस्तार: नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में खुलेंगे नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय
Madhya Pradesh में आयुर्वेदिक शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो राज्य में आयुर्वेद के विस्तार को नई दिशा देंगी। इस बैठक में कई नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोलने की योजना और उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना पर भी चर्चा की गई।
Madhya Pradesh : नए आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी जिलों में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। यह कदम राज्य में आयुर्वेदिक शिक्षा के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। खासकर जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों में आयुर्वेदिक चिकित्सा और शिक्षा का विकास हो सके।
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Madhya Pradesh: उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना
उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही, खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के बाद आयुर्वेद का महत्व और भी बढ़ गया है, और इस दिशा में उठाए गए कदम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक होंगे।
आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति
आयुष विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि विभाग में 543 आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, 332 पैरामेडिकल कर्मचारियों, 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारियों, और 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के अंतर्गत 533 संविदा चिकित्सा अधिकारियों की भी नियुक्ति की गई है, जिससे राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं में सुधार हुआ है।
Madhya Pradesh: नई स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की शुरुआत
आयुष विभाग ने सत्र 2023-24 में दो नए विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। ये विषय हैं स्त्री रोग प्रसूति तंत्र (उज्जैन और भोपाल महाविद्यालय) और पंचकर्म (उज्जैन महाविद्यालय)। इन नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत से राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा की गहराई और गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
पं. खुशीलाल शर्मा महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। यह राशि महाविद्यालय के बुनियादी ढांचे को सुधारने और इसे और अधिक उन्नत बनाने के लिए खर्च की जाएगी। इसके साथ ही, शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरों वाले बालिका छात्रावास का भी संचालन किया जा रहा है।
आयुर्वेद के प्रति बढ़ता विश्वास और उपयोग
आयुष विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल राज्य में ओपीडी और आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख मरीजों का आयुर्वेदिक उपचार किया गया। इसके साथ ही, 2,500 से अधिक रोगियों की शल्य चिकित्सा भी की गई। योगा वैलनेस केंद्रों में 9,600 सत्रों का आयोजन किया गया, जो आयुर्वेद और योग के प्रति लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
निष्कर्ष
Madhya Pradesh में आयुर्वेदिक शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे ये सुधार और विस्तार राज्य को स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना से इन क्षेत्रों में आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रसार होगा और लोग अधिक से अधिक इसका लाभ उठा सकेंगे। उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना और पं. खुशीलाल शर्मा महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण जैसे कदम राज्य को आयुर्वेद के क्षेत्र में एक नया आयाम देंगे।
FAQs
1. Madhya Pradesh के कौन से जिलों में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे?
नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर, और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे।
2. उज्जैन में कौन सा नया संस्थान स्थापित किया जाएगा?
उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना की जाएगी।
3. आयुष विभाग ने कितने आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की है?
आयुष विभाग ने 543 आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी की है।
4. भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा महाविद्यालय के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा महाविद्यालय के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
5. पिछले साल कितने मरीजों का आयुर्वेदिक उपचार किया गया?
पिछले साल ओपीडी और आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख मरीजों का आयुर्वेदिक उपचार किया गया।