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Monkey pox का प्रकोप: 600 से अधिक मौतों के साथ कांगो में गंभीर स्थिति, भारत ने उठाए एहतियाती कदम

Monkey pox का प्रकोप कांगो में 600 से अधिक मौतों का कारण बना है, जबकि भारत ने इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर सावधानी बरतते हुए विशेष उपाय किए हैं।

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दुनिया में Monkey pox (एमपॉक्स) का बढ़ता प्रकोप:

Monkey pox के बढ़ते मामले दुनियाभर में चिंता का विषय बने हुए हैं। खासकर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में, जहां इस वायरल जूनोटिक रोग का प्रभाव सबसे अधिक है। कांगो उन देशों में से है, जहां मंकीपॉक्स ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, कांगो में अब तक 18,000 से ज्यादा संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं और 610 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

Monkey pox के संक्रमण का तरीका और सावधानियां:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सभी को Monkey pox से सावधान रहने की सलाह दी है। यह संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, जैसे त्वचा के दाने, यौन संपर्क, या शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा, यह ड्रॉपलेट्स के माध्यम से भी फैल सकता है। इसलिए, सभी लोगों को इस संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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वैज्ञानिकों की राय

कांगो सहित कई अन्य देशों में फैल रहे नए Monkey pox स्ट्रेन पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस तेजी से फैल रहा है और इसके स्वरूप में भी बदलाव देखा जा रहा है। यह परिवर्तन उन क्षेत्रों में अधिक देखा जा रहा है जहां पहले इसे ट्रैक करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के बारे में अभी भी कई अज्ञात बातें हैं, जैसे इसकी गंभीरता और संक्रमण के फैलने के विभिन्न तरीकों पर नए सिरे से अध्ययन की जरूरत है।

नया स्ट्रेन: क्लेड आईबी

डब्ल्यूएचओ ने Monkey pox के खतरे को देखते हुए इसे दो साल में दूसरी बार ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया। इसके तुरंत बाद, एक नया स्ट्रेन, क्लेड आईबी, सामने आया, जो संभवतः संक्रमण के मामलों में वृद्धि का कारण बन सकता है। नाइजीरिया स्थित डेल्टा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ और डब्ल्यूएचओ की एमपॉक्स आपातकालीन समिति के अध्यक्ष डॉ. डिमी ओगोइना के अनुसार, अफ्रीका में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता है।

भारत में Monkey pox की स्थिति

भारत ने भी Monkey pox के बढ़ते खतरे को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। 14 अगस्त को डब्ल्यूएचओ द्वारा इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किए जाने के बाद, भारत सरकार ने संभावित प्रकोप से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कुछ अस्पतालों को Monkey pox के मामलों के इलाज के लिए चिन्हित किया गया है और स्वास्थ्य पेशेवरों को इसके प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

यह समय सतर्कता बरतने और इस रोग के फैलाव को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने का है। भारत ने इस दिशा में पहले से ही महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन लोगों को भी अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।

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