Nabanna kolkata Protest: छात्रों ने हावड़ा ब्रिज पर तोड़ी ‘लोहे की दीवार’ छात्र संगठनों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ खोला बड़ा मोर्चा

Nabanna Kolkata Protest में लेडी डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले में छात्र संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग की गई।

Nabanna Kolkata Protest
Nabanna Kolkata Protest /file photo

Nabanna Kolkata Protest: छात्र संगठनों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ खोला बड़ा मोर्चा

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लेडी डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे राज्य में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। इस घटना के बाद से ही छात्र संगठनों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं।

लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी: क्या है पूरा मामला?

यह घटना तब सामने आई जब कोलकाता के एक प्रमुख अस्पताल की एक लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की खबरें आईं। यह घटना न केवल चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दी है, बल्कि आम जनता में भी भारी आक्रोश का कारण बनी है। आरोप है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले में निष्क्रिय रहे, जिससे लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया है।

Nabanna Kolkata Protest
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हावड़ा ब्रिज पर टकराव: लोहे की दीवार टूटने से बढ़ा तनाव

जैसे ही छात्रों का विशाल समूह हावड़ा ब्रिज पर पहुंचा, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए ‘लोहे की दीवार’ बनाई थी। लेकिन उग्र छात्रों ने इस दीवार को तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें शुरू हो गईं। छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया।

छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन: ममता सरकार के खिलाफ नाराजगी

इस दर्दनाक घटना के बाद, छात्र संगठनों ने कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं और इस मामले में सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जब तक लेडी डॉक्टर के दोषियों को सजा नहीं मिलती और राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार नहीं होता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

Nabanna Kolkata Protes: मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की भी मांग की है। उनका आरोप है कि ममता बनर्जी की सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही है, और यह घटना उसकी विफलता का एक और उदाहरण है।

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Nabanna Kolkata Protes: अस्पताल में भर्ती घायल प्रदर्शनकारी

इस झड़प के दौरान कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायल छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।

Nabanna Kolkata Protes: सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की दिशा

ममता बनर्जी सरकार ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की है और मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें सरकार की इस प्रतिक्रिया पर भरोसा नहीं है और वे तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि दोषियों को सजा नहीं मिलती और मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देतीं।

निष्कर्ष

Nabanna Kolkata Protest ने कोलकाता में एक बार फिर से राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है। हावड़ा ब्रिज पर छात्रों और पुलिस के बीच हुई इस झड़प ने न केवल स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर दिए हैं कि राज्य में युवाओं के मुद्दों को कैसे सुलझाया जाएगा। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस विरोध प्रदर्शन का क्या नतीजा निकलता है और क्या सरकार छात्रों की मांगों को मानती है या नहीं।

FAQs

  1. कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म मामले में क्या हुआ था?
    कोलकाता के एक अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई थी, जिसने पूरे राज्य में आक्रोश फैलाया है।
  2. छात्र संगठनों ने किसके खिलाफ प्रदर्शन किया?
    छात्र संगठनों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
  3. क्या सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
    सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं हैं।
  4. प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग क्या है?मुख्य मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्तीफा दें।
  5. राजनीतिक दलों की इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
    विपक्षी दलों ने सरकार पर छात्रों की आवाज को दबाने का आरोप लगाया है, जबकि सत्ताधारी पार्टी ने इसे कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश बताया है।

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