Navratri Parv: इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा पंडाल में एंट्री के लिए गोमूत्र पिलाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने गैर हिंदुओं को रोकने के लिए इसे एक नया उपाय बताया। जानिए इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी।
इंदौर में Navratri के गरबा आयोजनों को लेकर हर साल नई-नई चर्चा होती है, और इस बार एक नया विवाद छिड़ गया है। इंदौर के बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने गरबा पंडालों में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोकने के लिए एक अनोखा और विवादास्पद प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि पंडाल में आने वाले लोगों को गोमूत्र पिलाकर उनकी पहचान की पुष्टि की जा सकती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे हिंदू हैं।
Navratri Parv: आधार कार्ड की जगह गोमूत्र का प्रयोग?
वर्मा का दावा है कि गैर हिंदू आधार कार्ड को एडिट करके या तिलक लगाकर गरबा पंडालों में प्रवेश कर सकते हैं। इसीलिए, उन्होंने आयोजकों से अपील की है कि गोमूत्र पिलाने का नियम लागू किया जाए। उनके मुताबिक, इससे यह पुष्टि हो सकेगी कि कोई गैर हिंदू गरबा पंडाल में प्रवेश न कर सके। चिंटू वर्मा के इस प्रस्ताव ने न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे प्रदेश में नई चर्चा छेड़ दी है।
Navratri Parv: पहले भी हुई है आधार कार्ड की जांच
पिछले कुछ वर्षों में इंदौर के गरबा पंडालों में आधार कार्ड देखकर प्रवेश देने की परंपरा रही है, ताकि गैर हिंदुओं को पंडालों में प्रवेश से रोका जा सके। इस साल वर्मा ने इस परंपरा को और सख्त बनाने की बात कही है, जिसमें गोमूत्र पिलाने का सुझाव शामिल है। उनका मानना है कि हिंदू समुदाय को इससे कोई आपत्ति नहीं होगी और यह गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोकने का प्रभावी तरीका हो सकता है।
इंदौर के गरबे,पूरे मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध
मध्य प्रदेश में Navratri के दौरान गरबे की धूम रहती है, लेकिन इंदौर के गरबे विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इंदौर के गरबा पंडालों की रौनक देखते ही बनती है, और यहां हर साल हजारों लोग इस पारंपरिक नृत्य में हिस्सा लेते हैं। इस साल भी पंडाल सजाए जा रहे हैं, और आयोजक नवरात्रि के दौरान भारी भीड़ की तैयारी में लगे हुए हैं।
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पुलिस की तैयारी: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इंदौर पुलिस भी Navratri के गरबा आयोजनों को लेकर पूरी तरह सतर्क है। पुलिस उपायुक्त विनोद कुमार मीना ने कहा है कि गरबा पंडालों और आसपास के इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग की जाएगी ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी या छेड़छाड़ की घटना को रोका जा सके। इसके साथ ही, पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि त्योहार के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे।
सुरक्षा और शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी
गरबा आयोजनों में भाग लेने वाले लोगों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए इंदौर पुलिस का विशेष ध्यान रहेगा। आयोजकों से भी अपील की गई है कि वे अपने पंडालों में सुरक्षा के उचित इंतजाम करें और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखें।
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निष्कर्ष
इंदौर में Navratri के दौरान गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए गोमूत्र पिलाने का यह नया प्रस्ताव न केवल विवादास्पद है, बल्कि इससे गरबा आयोजन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। जहां कुछ लोग इसे सांप्रदायिकता का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं अन्य इसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से देख रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोजक और प्रशासन इस प्रस्ताव को कैसे देखते हैं और क्या इसे लागू किया जाएगा या नहीं।
FAQs
1. गरबा पंडाल में गोमूत्र पिलाने का प्रस्ताव क्यों दिया गया?
यह प्रस्ताव इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा द्वारा दिया गया ताकि गैर हिंदुओं को गरबा पंडाल में प्रवेश से रोका जा सके और केवल हिंदू धर्म के अनुयायी ही पंडाल में प्रवेश कर सकें।
2. क्या पहले से गरबा पंडालों में पहचान जांच होती रही है?
हां, इंदौर में पहले आधार कार्ड देखकर पंडाल में प्रवेश देने की परंपरा रही है, ताकि गैर हिंदुओं को प्रवेश से रोका जा सके।
3. इंदौर के गरबे क्यों प्रसिद्ध हैं?
इंदौर के गरबे पूरे मध्य प्रदेश में अपनी भव्यता और सांस्कृतिक महत्त्व के लिए जाने जाते हैं। यहां के गरबा पंडालों में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं।
4. पुलिस ने सुरक्षा के क्या इंतजाम किए हैं?
इंदौर पुलिस ने Navratri के दौरान गरबा पंडालों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या छेड़छाड़ की घटना को रोकने के लिए सतर्कता बरती जा रही है।
5. क्या यह प्रस्ताव लागू होगा?
फिलहाल यह प्रस्ताव केवल सुझाव के रूप में सामने आया है। इसे लागू करने को लेकर आयोजकों और प्रशासन के बीच चर्चा हो सकती है।