PM Vishwakarma Scheme के अंतर्गत हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड किन लोगों को मिलता है और इसके पीछे क्या कारण है, जानें इस लेख में। साथ ही योजना के अन्य लाभ और पात्रता की पूरी जानकारी पाएं।
PM Vishwakarma Scheme
भारत सरकार की योजनाएं हमेशा से लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार के फायदे देती आई हैं। जैसे- पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाते हैं, वहीं पीएम अटल पेंशन योजना में 60 वर्ष के बाद लाभार्थियों को 1 से 5 हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलती है। इसके अतिरिक्त, आयुष्मान योजना में गरीबों को मुफ्त इलाज का लाभ मिलता है। ठीक इसी तरह, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत भी लाभार्थियों को कई तरह के आर्थिक सहायता मिलती है। इसमें से एक प्रमुख लाभ है प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड, जो लाभार्थियों को उनकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान मिलता है। लेकिन सवाल यह है कि यह पैसा किन लोगों को मिलता है और क्यों? आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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योजना से जुड़ने पर मिलने वाले लाभ
PM Vishwakarma Scheme से जुड़ने पर आपको 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे आप अपनी आवश्यक टूलकिट खरीद सकते हैं। इसके साथ ही, योजना के तहत पहले चरण में 1 लाख रुपये का ऋण भी दिया जाता है, जिसे चुकाने के बाद आप 2 लाख रुपये तक का और ऋण लेने के योग्य हो जाते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि इस ऋण के लिए किसी प्रकार की गारंटी नहीं देनी होती और इसे बेहद कम ब्याज दर पर प्राप्त किया जा सकता है।
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500 रुपये प्रतिदिन का लाभ किन्हें मिलता है?
PM Vishwakarma Scheme से जुड़े लाभार्थियों को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपने कार्य में कुशलता हासिल कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान ही उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाता है। यह राशि केवल प्रशिक्षण अवधि तक ही दी जाती है, जो कि कुछ दिनों की होती है।
योजना से कौन-कौन लोग जुड़ सकते हैं?
इस योजना का लाभ निम्नलिखित कारीगर और हस्तशिल्पी उठा सकते हैं:
- राजमिस्त्री
- नाव निर्माता
- लोहार
- ताला बनाने वाले
- अस्त्रकार (हथियार निर्माता)
- मालाकार
- नाई (बाल काटने वाले)
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- मोची (जूता बनाने वाले कारीगर)
- फिशिंग नेट बनाने वाले
- मूर्तिकार
- पत्थर तराशने वाले
- पत्थर तोड़ने वाले
- सुनार
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- धोबी
- दर्जी
- टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले
निष्कर्ष
PM Vishwakarma Scheme उन कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अपनी पारंपरिक कला को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। इस योजना के अंतर्गत न केवल उन्हें आर्थिक सहायता दी जाती है, बल्कि उनकी कुशलता को भी निखारा जाता है। अगर आप भी इनमें से किसी पेशे से जुड़े हैं, तो आप इस योजना से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं।
FAQs
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे अपने कौशल को और बेहतर बना सकें। - इस योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रतिदिन किसे मिलते हैं?
इस योजना के तहत, जो लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे होते हैं, उन्हें प्रशिक्षण की अवधि के दौरान 500 रुपये का स्टाइपेंड प्रतिदिन दिया जाता है। - प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कौन लोग पात्र हैं?
राजमिस्त्री, नाव निर्माता, लोहार, ताला बनाने वाले, नाई, मोची, सुनार, दर्जी, और टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले कारीगर इस योजना में पात्र हैं। - योजना के तहत कितने रुपये का लोन मिलता है?
इस योजना के तहत पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन मिलता है, जिसे चुकाने के बाद लाभार्थी 2 लाख रुपये का और लोन लेने के पात्र होते हैं। - क्या इस योजना के लिए कोई गारंटी देनी होती है?
नहीं, इस योजना के अंतर्गत लोन प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को किसी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होती।