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नशा मुक्त भारत अभियान: जरूरत पड़ने पर मुझे सीधा फोन करे – प्रदीप जायसवाल

नशा मुक्त भारत अभियान

नशा मुक्त भारत अभियान

नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशे की लत से समाज को बचाने की कोशिश की जा रही है। जानें कैसे महिलाओं की भागीदारी से शराबबंदी, तंबाकू और जुआ पर नियंत्रण किया जा रहा है और समाज को जागरूक किया जा रहा है।

नशा मुक्ति अभियान के दौरान श्री प्रदीप जायसवाल

नशा मुक्त भारत अभियान: नशे की बुराई से समाज को बचाने की पहल

नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार और समाज के लिए बोझ बन जाता है। आज के समय में युवा पीढ़ी इस लत से सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। नशे से छुटकारा पाना पूरी तरह से संभव न हो, लेकिन इसके प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है। इसी उद्देश्य के साथ नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है, जो समाज को नशे से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

महिलाओं की भागीदारी से शराबबंदी की कोशिशें

गांव-गांव में महिलाएं इस सामाजिक बुराई के खिलाफ आगे आ रही हैं और शराबबंदी के लिए सराहनीय कार्य कर रही हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि स्थिति गंभीर हो तो पहले पुलिस को सूचित करें, नहीं तो वे खुद भी मदद के लिए उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि शराब को पूरी तरह से बंद करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।

तंबाकू और जुआ-सट्टा पर भी नियंत्रण जरूरी

शराब के अलावा तंबाकू, जुआ और सट्टा जैसी अन्य सामाजिक बुराइयों का चलन भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन बुराइयों से भी समाज और परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। प्रदीप जायसवाल ने इस मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि इन बुराइयों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी हो गया है, ताकि समाज को स्वस्थ और समृद्ध बनाया जा सके।

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नशा मुक्त भारत अभियान में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत थानेंगांव में जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गुड्डा भैया विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए, साथ ही जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ, डायरेक्टर धनेन्द्र हनवत, और सरपंच लक्ष्मीकांत बैस भी मौजूद रहे। निकटवर्ती पंचायतों के कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।

समाज की उभरती हस्तियों को सम्मानित किया गया

कार्यक्रम के दौरान गुड्डा भैया ने उन हस्तियों को सम्मानित किया, जिन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्य किया है। इसके साथ ही सभी लोगों को स्वच्छता ही सेवा अभियान की शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम के बाद एक रैली भी निकाली गई, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और नशा मुक्त समाज की दिशा में अपने समर्थन को व्यक्त किया।

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निष्कर्ष

नशा मुक्त भारत अभियान के तहत किए जा रहे ये प्रयास समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश हैं। नशे जैसी बुराइयों से समाज को मुक्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, लेकिन सामूहिक प्रयासों और जागरूकता के माध्यम से इसे हासिल किया जा सकता है। इस अभियान से न केवल नशे के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा, बल्कि समाज में स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा मिलेगा।

FAQs

1. नशा मुक्त भारत अभियान क्या है?
नशा मुक्त भारत अभियान एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य समाज को नशे की बुराइयों से मुक्त करना और जागरूकता फैलाना है।

2. इस अभियान में महिलाओं की क्या भूमिका है?
महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में शराबबंदी और नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

3. नशे की लत से समाज को कैसे नुकसान होता है?
नशे की लत से व्यक्ति अपने परिवार और समाज के लिए बोझ बन जाता है, जिससे समाज की प्रगति और विकास में रुकावटें आती हैं।

4. नशा मुक्त भारत अभियान में कौन-कौन से कार्यक्रम शामिल हैं?
इस अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण सत्र और रैलियों का आयोजन किया जाता है, जिनमें समाज के सभी वर्गों को शामिल किया जाता है।

5. इस अभियान के तहत किस तरह की शपथ दिलाई जाती है?
इस अभियान के तहत लोगों को स्वच्छता और नशा मुक्त समाज बनाने की शपथ दिलाई जाती है।

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