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कोलकाता हत्याकांड के बाद TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की बेटी को रेप की धमकी से मचा बवाल

कोलकाता में एक डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की 9 वर्षीय बेटी को रेप की धमकी मिली। पश्चिम बंगाल बाल अधिकार आयोग ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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कोलकाता मर्डर केस: एक नज़र

हाल ही में कोलकाता में एक 31 वर्षीय जूनियर महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद से पश्चिम बंगाल में गुस्से का माहौल है, और सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की बेटी को मिली धमकी

इसी विवाद के बीच, तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की 9 वर्षीय बेटी को रेप की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय और भी गंभीर हो गई जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति ने धमकी दी कि TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा।

बाल अधिकार आयोग का संज्ञान

इस गंभीर मामले पर पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने इसे नाबालिग लड़की की गरिमा और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए पुलिस को त्वरित और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की धमकियां न केवल संबंधित नाबालिग लड़की के लिए, बल्कि सभी नाबालिग लड़कियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं।

तृणमूल कांग्रेस की चुप्पी

हालांकि, इस मामले में अब तक तृणमूल कांग्रेस या TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे जनता के बीच चिंता और नाराजगी बढ़ गई है, खासकर उस समय जब राज्य पहले से ही डॉक्टर की हत्या के कारण शोक में है।

निष्कर्ष

कोलकाता में डॉक्टर की हत्या और उसके बाद सोशल मीडिया पर उठे इस विवाद ने पूरे राज्य में चिंता का माहौल बना दिया है। इस मामले में TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की बेटी को धमकी मिलने से मामला और भी संगीन हो गया है। पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समय पर संज्ञान लेकर पुलिस को कार्रवाई का आदेश दिया है, जो कि समाज में कानून के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम है।

ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई और संवेदनशीलता दिखाना जरूरी है ताकि समाज में नकारात्मक संदेश न फैले और हमारी नाबालिग बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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