RG Kar Medical Collage Case: पूर्व प्रिंसिपल समेत सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट, जांच में हो सकता है बड़ा खुलासा

कोलकाता के RG Kar Medical Collage में महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म मामले में सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया है। जानिए, इस मामले से जुड़े नए पहलुओं के बारे में।

RG Kar Medical Collage
RG Kar Medical Collage/file photo

कोलकाता के RG Kar Medical Collage में हुई महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत कुल सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा रहा है। सीबीआई की इस कार्रवाई से केस में नए खुलासे होने की संभावना बढ़ गई है।

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RG Kar Medical Collage : संदिग्ध भूमिका में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष

महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले में RG Kar Medical Collage के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका काफी संदिग्ध मानी जा रही है। सीबीआई पिछले हफ्ते से संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूछताछ के दौरान संदीप घोष के बयानों में कई विरोधाभास पाए गए हैं, जो उन्हें शक के घेरे में खड़ा करता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सुनवाई के दौरान संदीप घोष की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं।

पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अदालत की मंजूरी

सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष, आरोपी संजय रॉय और मेडिकल कॉलेज के चार अन्य डॉक्टर्स के साथ-साथ एक सिविल वॉलंटियर का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की मंजूरी अदालत से मांगी थी। अदालत ने इस मंजूरी को स्वीकार करते हुए सभी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का आदेश दिया।

पॉलीग्राफ टेस्ट: क्या है और कैसे होता है?

पॉलीग्राफ टेस्ट, जिसे आमतौर पर लाई डिटेक्टर टेस्ट के नाम से जाना जाता है, एक साइकोलॉजिकल जांच होती है। इस टेस्ट में व्यक्ति के ब्लड प्रेशर, सांस की गति, त्वचा की संवेदनशीलता आदि का अध्ययन किया जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ।

पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया

शनिवार को अदालत की मंजूरी के बाद सभी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया। इनमें से चार डॉक्टर्स ने घटना वाली रात मृतका के साथ डिनर किया था, और वे इस मामले में महत्वपूर्ण गवाह माने जा रहे हैं। आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट जेल में ही कराया गया, जबकि अन्य का टेस्ट सीबीआई के कार्यालय में हुआ। इस टेस्ट के लिए नई दिल्ली स्थित सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री से विशेषज्ञों की एक टीम कोलकाता पहुंची।

संभावित परिणाम और आगे की जांच

सीबीआई इस पॉलीग्राफ टेस्ट के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। अगर टेस्ट में संदीप घोष और अन्य संदिग्धों के बयान झूठे पाए जाते हैं, तो यह केस के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। इससे यह भी साफ हो सकता है कि इस जघन्य अपराध के पीछे और कौन-कौन से लोग शामिल थे।

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निष्कर्ष

कोलकाता के RG Kar Medical Collage में हुई इस वारदात ने चिकित्सा समुदाय और आम जनता के बीच गहरे आक्रोश का माहौल बना दिया है। सीबीआई द्वारा किए जा रहे पॉलीग्राफ टेस्ट से केस की कई अहम परतें खुल सकती हैं, जिससे इस मामले में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया जा सकता है। अब सभी की निगाहें इस टेस्ट के नतीजों और उसके आधार पर होने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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