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VINESH PHOGAT की खौफनाक रात: कोच का हैरान करने वाला खुलासा

VINESH PHOGAT

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VINESH PHOGAT के कोच वोलर अकोस ने पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले उनके संघर्ष की कहानी का खुलासा किया। वजन कम करने की जद्दोजहद में विनेश की जान को खतरा था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जानें इस प्रेरणादायक संघर्ष की पूरी कहानी।

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भारतीय महिला पहलवान VINESH PHOGAT के कोच वोलर अकोस ने पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले उनके संघर्ष की कहानी का खुलासा किया। वजन कम करने की जद्दोजहद में विनेश की जान को खतरा था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जानें इस प्रेरणादायक संघर्ष की पूरी कहानी।के कोच वोलर अकोस ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिससे फोगाट के संघर्ष की दास्तान और भी दिलचस्प हो गई है। वोलर अकोस ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल से पहले विनेश को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके इस खुलासे ने सबको हैरान कर दिया, हालांकि बाद में उन्होंने अपना पोस्ट हटा लिया।

विनेश फोगाट की खतरनाक रात

VINESH PHOGAT, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था, को फाइनल की सुबह अचानक अयोग्य घोषित कर दिया गया। ओलंपिक रजत पदक की उनकी उम्मीदें तब धराशायी हो गईं, जब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) ने फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया। इस पूरी घटना के बाद, कोच वोलर अकोस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए विनेश के साथ हुई घटनाओं का खुलासा किया।

वजन कम करने की जद्दोजहद

वोलर अकोस ने अपने पोस्ट में लिखा कि सेमीफाइनल के बाद VINESH PHOGAT को 2.7 किलोग्राम वजन और कम करना था, और इसके लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था। रातभर उन्होंने अलग-अलग कार्डियो मशीनों पर लगातार मेहनत की, लेकिन इस दौरान उनकी हालत बिगड़ गई। एक बार तो विनेश इतनी कमजोर हो गईं कि वह गिर गईं। अकोस ने बताया कि उन्हें उस वक्त डर था कि कहीं विनेश की जान न चली जाए। लेकिन उन्होंने किसी तरह विनेश को उठाया और फिर एक घंटे तक सौना में रखा।

विनेश फोगाट की हिम्मत और कोच का समर्थन

इस मुश्किल वक्त में भी VINESH PHOGAT ने अपने कोच को निराश नहीं होने दिया। अस्पताल से लौटते वक्त, विनेश ने अपने कोच से कहा, “कोच, दुखी मत हो, आपने मुझे सिखाया है कि अगर मैं किसी भी मुश्किल स्थिति में हूं और मुझे अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो मुझे यह सोचना चाहिए कि मैंने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला पहलवान (जापान की यूई सुसाकी) को हरा दिया है। मैंने साबित कर दिया कि मैं दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में से एक हूं।”

VINESH PHOGAT की इस हिम्मत और कोच वोलर अकोस के समर्थन ने इस कहानी को और भी प्रेरणादायक बना दिया है। भले ही विनेश ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन उनके संघर्ष और दृढ़ता ने यह साबित कर दिया कि वह दुनिया की बेहतरीन पहलवानों में से एक हैं।

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