रात में दही खाने से शरीर में बलगम बनने की संभावना बढ़ जाती है, खासकर उन लोगों में जो सर्दी, खांसी या सांस की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़न महसूस हो सकती है।

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दही को पचाने में समय लगता है, और रात में जब शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, तब इसे खाना अपच, गैस या एसिडिटी की समस्या पैदा कर सकता है।

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दही में वसा की मात्रा होती है, और रात के समय इसे खाने से वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है क्योंकि रात में शारीरिक गतिविधि कम होती है, जिससे कैलोरी का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता।

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दही की ठंडी प्रकृति के कारण रात में इसे खाने से सर्दी और खांसी की समस्या बढ़ सकती है। जो लोग सर्दी-जुकाम से जल्दी प्रभावित होते हैं, उन्हें रात में दही खाने से बचना चाहिए।

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कुछ लोगों का मानना है कि रात में दही खाने से त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे मुंहासे या त्वचा में असंतुलन हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है।

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दही में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिसे पचाने में समय लगता है। रात में इसे खाने से पेट भारी लग सकता है और नींद में खलल पैदा हो सकता है।

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आयुर्वेद के अनुसार, दही का शीतल प्रभाव होता है जो रात में शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकता है। आयुर्वेद में दिन के समय दही खाने की सलाह दी जाती है ताकि इसे अच्छी तरह से पचाया जा सके।

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